Diwali kyon manae jaati hai दिवाली का इतिहास दिवाली त्यौहार का नाम संस्कृत शब्द दीपावली से लिया गया है। इसका अर्थ है “रोशनी की पंक्ति”। यह त्यौहार हर साल अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का जश्न मनाता है।
यह अवकाश आने वाले वर्ष की तैयारी के लिए है। यह दोस्तों और परिवार के साथ मिलने का एक सुंदर अवसर है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में दिवाली की कहानी बहुत महत्वपूर्ण है। यह वह दिन है जब भगवान राम, उनकी पत्नी सीता देवी और भाई लक्ष्मण 14 साल के वनवास के बाद अपने वतन लौटे थे।
ग्रामीणों ने राम के लिए पथ जलाया। उन्होंने राक्षस राजा रावण को हराया था।
Table of Contents
दीवाली के प्रमुख उपलब्धियाँ
- दिवाली को भारत में मुख्य त्योहार के रूप में मनाया जाता है
- दिवाली का त्योहार प्रकाश और नई शुरुआत का प्रतीक है
- यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
- दिवाली के दौरान लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और उत्सव मनाते हैं
- दीपावली पूजा और दिये जलाने की परंपरा लोकप्रिय है
Diwali kyon manae jaati hai दीवाली का इतिहास
दीपावली का प्राचीन नाम “दीपमाला या दीप दिवस” था। “दीप” का अर्थ है दीपक और “माला” का अर्थ है पंक्ति। यह त्योहार दीपकों की पंक्तियों से जुड़ा हुआ था।
बाद में इसका नाम “दीपावली” हो गया। यह “दीपों की पंक्ति का दिन” का अर्थ लेता है। इस नाम से यह त्योहार अच्छाई और प्रकाश का प्रतीक बन गया।
दीपावली क्या है?
दीपावली देश भर में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह त्योहार प्रकाश, आनंद और समृद्धि का है। इसमें कई प्राचीन कथाएं और पौराणिक कहानियां हैं।
दीपावली का पुराना नाम
दीपावली का पुराना नाम “दीपमाला या दीप दिवस” था। इसका अर्थ है “दीपों का त्योहार” या “दीपों की पंक्ति का दिन”। इस त्योहार में दीपकों की पंक्तियों को जलाकर प्रकाश का प्रतीक दिखाया जाता है।
“दीपावली को मनाने का एक मुख्य कारण है भगवान राम और पांडवों के राज्य लौटने के शुभ अवसरों की खुशी।”
दिवाली क्यों मनाई जाती है
दिवाली भारत में एक प्राचीन और महत्वपूर्ण त्योहार है। इसका मुख्य कारण हिंदू पौराणिक कथाओं और इतिहास में मिलता है। दिवाली क्यों मनाई जाती है इसका मुख्य कारण भगवान राम का 14 वर्षों के वनवास के बाद वापस आना है। इसके अलावा, नरकासुर के वध का उत्सव भी मनाया जाता है।
भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन
भगवान राम को अपने पिता राजा दशरथ के वचन के अनुसार 14 वर्षों के लिए वन में रहना पड़ा था। वे वन से लौटकर अयोध्या आए। लोगों ने उनका स्वागत करने के लिए दीपक जलाए।
इस खुशी को मनाने के लिए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। नरकासुर को स्त्री के हाथों से मरना का श्राप था।
भगवान श्रीकृष्ण ने उसका वध किया। इसके उपलक्ष्य में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
इस प्रकार, दिवाली क्यों मनाई जाती है का मुख्य कारण हिंदू पौराणिक कथाओं में मिलता है। यह भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण के महान कार्यों से जुड़ी है।
इन कथाओं के माध्यम से, दिवाली अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक है।
दिवाली कौन से धर्म मानते हैं?
दिवाली हिंदू, जैन और सिख धर्मों का महत्वपूर्ण त्योहार है। भारत में लोग इसे विभिन्न तरीकों से मनाते हैं। यह त्योहार लोगों के जीवन में उत्साह और खुशी लाता है।
हिंदू धर्म में दिवाली: हिंदू धर्म में दिवाली बहुत महत्वपूर्ण है। यह भगवान राम के वापस आने और नरकासुर का वध करने का उत्सव है। इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म भी मनाया जाता है।
जैन धर्म में दिवाली: जैन धर्मावलंबी दिवाली को बहुत महत्व देते हैं। यह दिन भगवान महावीर के निर्वाण का है। इस दिन लोग अपने घरों और व्यवसायों को साफ करते हैं।
सिख धर्म में दिवाली: सिख धर्म में दिवाली मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा गुरु हरगोबिंद सिंह को रिहा करने का जश्न है। इस दिन सिख समुदाय की खुशी देखी जा सकती है।
दिवाली हिंदू, जैन और सिख धर्मों में विशेष महत्व रखती है। लेकिन यह त्योहार सभी को एक साथ जोड़ता है।
“दीपावली एक ऐसा त्योहार है जो हिंदू, जैन और सिख धर्मों में समान रूप से महत्वपूर्ण है और भारतीय संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करता है।”
दिवाली मनाने की तारीखें
दिवाली हर साल मनाई जाती है। यह पांच दिनों तक चलता है। यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
सटीक तारीखें हर साल बदलती हैं। यह चंद्रमा की स्थिति से निर्धारित होती हैं। आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के बीच आती हैं।
दिवाली अलग-अलग तारीखों पर क्यों है?
दिवाली का उत्सव चंद्रमा के चक्र पर आधारित है। यह कार्तिक मास की अमावस्या या नई चांद के दिन मनाया जाता है।
इस कारण से, दिवाली का दिन हर साल बदलता रहता है। लेकिन यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में होता है।
इस वर्ष, मंगलवार, 29 अक्तूबर 2024 – रविवार, 3 नवंबर 2024को मनाई जाएगी।
इस दिन, भगवान राम के अयोध्या लौटने का जश्न मनाया जाता है। यह 14 वर्षों के वनवास के बाद हुआ था।
- दिवाली हिंदू नव वर्ष का पर्व है।
- दिवाली का उत्सव कार्तिक मास की अमावस्या या नई चांद के दिन मनाया जाता है।
- इस वर्ष, दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी।
- दिवाली का यह दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने का प्रतीक है।
दिवाली का उत्सव न केवल भारत में, बल्कि नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और ऑस्ट्रेलिया के क्रिसमस द्वीप में भी मनाया जाता है। यह एक प्रमुख त्योहार है। इसकी अर्थिक और आध्यात्मिक महत्ता है।
Diwali kyon manae jaati hai दिवाली क्यों मनाई जाती है
पांडवों की घर वापसी और माता लक्ष्मी के अवतार से जुड़ी है। महाभारत काल में, पांडव 13 वर्षों के वनवास के बाद घर लौटे। नगरवासियों ने उनका स्वागत दीपोत्सव के साथ किया। इसी कारण से दिवाली मनाई जाती है।
माता लक्ष्मी का अवतार भी इस पर्व से जुड़ा है। देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे। इस प्रक्रिया से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई, जिनमें से एक माता लक्ष्मी थीं।
पांडवों की घर वापसी
महाभारत के अनुसार, पांडव 13 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। नगरवासियों ने उनका स्वागत दीपोत्सव के साथ किया। यही से दिवाली का पर्व शुरू हुआ।
माता लक्ष्मी का अवतार
देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे। इस प्रक्रिया से 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई, जिनमें से एक माता लक्ष्मी थीं।
“दिवाली पर्व का महत्व पांडवों के घर वापसी और माता लक्ष्मी के अवतार से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार हमें अंधकार से प्रकाश की ओर लेकर जाता है और हमें खुशहाली और समृद्धि का संदेश देता है।”
दिवाली के लिए अन्य कथाएं
दिवाली का त्योहार हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्मों में बहुत महत्वपूर्ण है। इस पर्व के साथ कई रोचक कथाएं जुड़ी हैं। ये कथाएं इस त्योहार की महिमा को बढ़ाती हैं।
मुगल बादशाह जहांगीर की कथा
मुगल बादशाह जहांगीर ने 52 राजाओं को ग्वालियर के किले में कैद कर लिया था। उनमें सिखों के 6वें गुरु गोविंद सिंह भी शामिल थे।
जब गुरु को कैद से आजाद किया जाने लगा, तो उन्होंने राजाओं को भी रिहा करने की मांग की। गुरू हरगोविंद सिंह के कहने पर राजाओं को भी कैद से रिहाई मिली।
अंतिम हिंदू सम्राट राजा विक्रमादित्य की जीत
प्राचीन भारत के महान सम्राट राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक कार्तिक अमावस्या को हुआ था। उनकी जीत और राज्य के उत्थान को दिवाली के साथ जोड़ा जाता है।
माता काली का रौद्र रूप
एक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने राक्षस का वध करने के लिए महाकाली का रूप लिया था। भगवान शिव ने उनके क्रोध को शांत करने के लिए अपने चरणों में लेटे थे।
इन कथाओं के अलावा, दिवाली के साथ कई अन्य धार्मिक और प्राचीन कहानियां भी जुड़ी हैं। ये कहानियां इस त्योहार को और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाती हैं।
दिवाली टेबल डेकोर आइडियाज: Top 5 सजावट के टिप्स
“दिवाली का त्योहार हर साल मनाया जाता है और इसके साथ कई रोचक कथाएं जुड़ी हैं, जो इस पर्व की महिमा को और भी बढ़ा देती हैं।”
निष्कर्ष
Diwali kyon manae jaati hai दिवाली भारत का एक बहुत बड़ा और पुराना त्योहार है। इसमें कई पौराणिक कथाएं और धार्मिक मान्यताएं हैं। लोग अपने घरों को दिवाली के दिन रंगोली और दिए से सजाते हैं।
वे माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। यह त्योहार हिंदू, जैन और सिख धर्मों में बहुत महत्वपूर्ण है।
दिवाली का मुख्य उद्देश्य है अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाना। यह त्योहार भारत के बाहर भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
दिवाली के दौरान लोग उपहार देते हैं और पूजा करते हैं। यह त्योहार परिवारों और समुदायों के बीच एकता और खुशी का जश्न है।
इस प्रकार, दिवाली का निष्कर्ष यह है कि यह भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य हिस्सा है। यह दिवाली का महत्व और मूल्य को दर्शाता है और दिवाली का संक्षिप्त विवरण देता है।
FAQ
क्या दिवाली कब मनाई जाती है?
दिवाली हर साल मनाई जाती है। यह पांच दिनों तक चलती है। यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
सटीक तारीखें हर साल बदलती हैं। यह अक्टूबर और नवंबर के बीच आती है।
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली का नाम संस्कृत शब्द दीपावली से लिया गया है। इसका अर्थ है “रोशनी की पंक्ति”।
यह त्यौहार हर साल चमक की किरण के रूप में कार्य करता है। यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का जश्न मनाता है।
दिवाली का इतिहास क्या है?
दिवाली भगवान राम, उनकी पत्नी सीता देवी और भाई लक्ष्मण के वापस आने का जश्न है।
ग्रामीणों ने राम के लिए पथ जलाया। उन्होंने राक्षस राजा रावण को हराया था।
भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से असुर राजा नरकासुर का वध किया था।
दिवाली किन धर्मों में मनाई जाती है?
दिवाली हिंदू धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
भारत जैसे बहुसांस्कृतिक और विविधतापूर्ण देश में इस त्योहार को मनाने का हर किसी का अपना-अपना तरीका है।
दिवाली का पुराना नाम क्या था?
दीपावली का प्राचीन नाम “दीपमाला या दीप दिवस” था।
“दीप” का अर्थ होता है दीपक या दिया, और “माला” का अर्थ होता है पंक्ति या लाइन।
इसका प्राचीन नाम “दीपमाला” वह समय दर्जनों दीपकों की पंक्तियों से जुड़ा हुआ था।
दिवाली का क्या महत्व है?
दिवाली हर साल मनाई जाती है। यह पांच दिनों तक चलती है।
Diwali kyon manae jaati hai दिवाली का इतिहास यह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस त्योहार को मनाने का प्रमुख उद्देश्य अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का जश्न मनाना है।
Pingback: puja samagri for diwali दिवाली पूजा सामग्री list के 51 items - enay